मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं….
…मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं….
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं….
…मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं….
Happy Family Friendship Day
मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं….
…मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं….
_…अब जाने कौन सी नगरी में,_
_…आबाद हैं जाकर मुद्दत से….
….मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं….
….कुछ बातें थीं फूलों जैसी,….कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
….मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
….कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
_…सबकी जिंदगी बदल गयी,_
_…एक नए सिरे में ढल गयी,_
_…किसी को नौकरी से फुरसत नही…_
_…किसी को दोस्तों की जरुरत नही…._
_…सारे यार गुम हो गये हैं…_
….”तू” से “तुम” और “आप” हो गये है….
….मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं….
_…धीरे धीरे उम्र कट जाती है…_
_…जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है,_
_…कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है…_
_और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है …_
….किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते,
….फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते…
_….जी लो इन पलों को हस के दोस्त,_
फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं आते ….
…हरिवंशराय बच्चन
My First college Drama Script - Writer,Director & as an Actor
Embrace this Friendship Day by
befriending a ChatGPT,
if you haven't already!